जलवा महबूब की आँखों का




गजब है जलवा महबूब की आँखों का


वो नजर हम पे डाले तो इनायत होगी !!




जुल्फें हैं उनकी काली नागिन सी काली


इनमे उलझने की सब मैं कहाँ जुर्रत होगी !!




वो डालेंगे जिस पर अपनी जुल्फों का साया


पाई उस नाचीज ने क्या किस्मत होगी !!




कब तक तन्हां रहेंगे वो इस सफ़र


एक-न-एक उनको हमारी जरूरत होगी !!




वो भी किसी के पहलू मैं सर रखकर सोयें


ऐसी उनकी भी तो हसरत होगी !!




बंद आँखों से देखता हूँ मैं ये ख़वाब यारों


पर जिस दिन यह सच होगा


बस क़यामत होगी, क़यामत होगी !!