26/11 Mumbai


मेरी यह रचना मुंबई मैं हुए २६/११ के उन सभी अमर शहीदों को समर्पित है
जिन्होंने अपनी मात्रभूमि को अपने प्राणों की आहुति दी !!

और उन तमाम शहीदों को जो आतकवाद से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए

जय हिंद !!


हम क्यूँ निभाते हैं भाईचारा ??
वो जब चलाते हैं गर्दन पे आरा

हमने लगाया जब भी गले उनको
पीठ मैं उन्होंने है खंजर मारा

हम तो भेजतें हैं अमन के फुल
बदलें में देते हैं वो खून की धारा

हम समझते हैं अपना उनको
वो कहते हैं दुश्मन है हमारा

प्रेम है जीवन आधार हमारा
नफरत है उनकी विचारधारा

हमको आता है तरश उनपर
वो समझाते है हमको बेचारा

आखिर ये बेचारगी कब तक ??
वक़्त है की कर दें वारा-न्यारा !!